बुलंदशहर/ककोड़
ब्यूरो रिपोर्ट बुलंदशहर
22 साल बाद घर वापस लोटा बेटा तो परिवार में लौटी खुशियां
बुलंदशहर के कोतवाली ककोड़ थाना क्षेत्र के गांव धनोरा निवासी बबलू शर्मा 26 जून 2002 को परिवार में नाराजगी के चलते ट्रेन में बैठकर दिल्ली चला गया था उस वक्त बबलू की उम्र करीब 9 साल थी। बबलू ने बताया कि दिल्ली पहुंचा तो उसका एक्सीडेंट हो गया और सर मैं चोट लग गई फिर उसको याद ही नहीं रहा कि वह कौन है कहां का है। बबलू को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया इलाज करा कर चाइल्ड सेंटर भेज दिया। बबलू बड़ा हुआ तो वह किसी फैक्ट्री में नौकरी करने लगा लेकिन उसको फिर भी कुछ याद नहीं रहा। बबलू ने बताया की फैक्ट्री से नौकरी छूटने के बाद उसे दोबारा चाइल्ड सेंटर में ही नौकरी पर रख दिया गया।उधर परिजन ढूंढते ढूंढते थक गए लेकिन बबलू का कही पता नहीं चला।
बबलू के पिता सत्यदेव शर्मा ने बताया कि बबलू उस समय करीब 9 साल का था और घर से नाराज होकर 26 जून 2002 को निकल गया सालों प्रयास किया ढूंढने का लेकिन बबलू नहीं मिला अंत में 30 सितंबर को उनके पास फोन आता है कि उनका बेटा मिल गया है। सीआरपीएफ आगरा टीम ने उसे खोज निकाला और परिवार के सुपुर्द किया। तो परिवार में खुशियों का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि 22 साल बाद उनका बेटा घर वापस आ गया। सत्यदेव शर्मा गांव में रहकर खेती-बाड़ी करते हैं बबलू समेत उनके पांच बेटे हैं और दो बेटियां है सभी की शादी हो चुकी है बेटे प्राइवेट नौकरियां करते हैं ।